Videsh RSS Feed
Subscribe Magazine on email:    

'मुख्तारन माई दुष्कर्म मामले में फैसला निराशाजनक'

mukhtaran-mai-case-decision-04201123

23 अप्रैल 2011

इस्लामाबाद। मुख्तारन माई से दुष्कर्म करने के मामले में छह में से पांच आरोपियों को रिहा करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को बेहद निराशाजनक बताते हुए पाकिस्तान के एक प्रमुख समाचार पत्र ने कहा कि यदि कई गवाहों और मीडिया की सुर्खियां बनने के बावजूद आरोपियों को सजा नहीं मिल सकी तो पाकिस्तान के अन्य बलात्कार पीड़ित कैसे न्याय की उम्मीद करेंगे?

स्थानीय समाचार पत्र 'डॉन' ने शनिवार को अपने संपादकीय में लिखा, "सामूहिक बलात्कार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला अंतत: घोषित किया गया और यह बेहद निराशाजनक रहा।"

वर्ष 2002 में ग्राम परिषद के आदेश पर बलात्कार की शिकार बनाई गईं मुख्तारन माई का मामला देश में दमित महिलाओं का पर्याय बन गया था।

इससे पहले आतंकवाद निरोधी अदालत ने 14 आरोपियों में से आठ को रिहा कर दिया था और बाकी छह को फांसी की सजा सुनाई थी। इनमें से पांच को लाहौर उच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया और छठे आरोपी अब्दुल खालिक की सजा भी घटाकर उम्रकैद कर दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है।

संपादकीय में कहा गया कि इस बात की वकालत नहीं की जा रही कि आरोपियों को बिना सबूत के सजा दी जाए। "इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि यह सामान्य मामला नहीं है।"

"मुख्तारन माई ने इस मामले को ऐसे समाज के सामने लाया जिसमें पीड़ित महिलाएं चुप रहती हैं।"

समाचार पत्र ने लिखा, "पाकिस्तान में यह मामला महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बना और मानवाधिकार संगठनों द्वारा जताया गया आक्रोश आश्चर्यजनक नहीं है। मुख्तारन माई को न्याय दिलाने में असफलता मिली है।"

More from: Videsh
20253

ज्योतिष लेख

मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।

Holi 2020 (होली 2020) दिनांक और शुभ मुहूर्त तुला राशिफल 2020 - Tula Rashifal 2020 | तुला राशि 2020 सिंह राशिफल 2020 - Singh Rashifal 2020 | Singh Rashi 2020